Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
कांग्रेस का तीखा सवाल! '7 महीने में 41 भारतीय मारे गए, जिम्मेदार कौन?' पहलगाम के बाद दिल्ली ब्लास्ट ... धमाके के बाद सिर्फ़ शरीर नहीं, दिमाग भी होता है घायल! क्या होता है PTSD, जानें इस खौफनाक मानसिक बीमा... बिहार में वोटिंग ने पकड़ी तेज रफ्तार! दोपहर 3 बजे तक 60.40 फीसदी मतदान, क्या टूट पाएगा पिछले बार का ... प्रदूषण का कहर! ग्रैप 3 लागू होते ही दिल्ली में $5$वीं तक के स्कूल 'हाइब्रिड मोड' में, NCR में भी जल... दिल्ली ब्लास्ट का सीधा PAK कनेक्शन! फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉक्टर शाहीना निकली जैश-ए-मोहम्मद की आतंकी,... i20 कार का $11$ घंटे का 'डेथ रूट'! दिल्ली ब्लास्ट की साजिश का पूरा मैप सामने, जांच एजेंसियां कर रही ... बिहार चुनाव का आखिरी इम्तिहान! 3.70 करोड़ मतदाता, 122 सीट और 1302 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज, ... नहीं बचेगा कोई गुनहगार! रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- दिल्ली ब्लास्ट के दोषियों पर होगी कड़ी कार्... सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला! निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली की क्यूरेटिव याचिका मंजूर, जेल से होग... बिहार चुनाव के बीच सीक्रेट मीटिंग! नीतीश कुमार का ललन सिंह के घर अचानक पहुंचना, फिर पार्टी दफ्तर जान...

अपरा एकादशी का उपवास खोलने का ये है सही तरीका, जानें पूरी विधि

हिन्दू धर्म में अपरा एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है. इस मौके पर जिन महिलाओं ने अपरा एकादशी का व्रत रखा तो उनको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है. वरना उनका व्रत अधूरा रह सकता है. इसलिए सभी महिलाओं का व्रत अच्छे पूरा व्रत सफल हो और उनको उस व्रत का पूरा फल मिले. इसलिए यहां पर अपरा एकादशी का उपवास खोलने का सही तरीका बताया जा रहा है. इससे सभी व्रती महिलाएं अपना व्रत पूरा कर सकेंगी.

पंचांग के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत पारण 24 मई दिन शनिवार को किया जाएगा. पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. आपको द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले पारण कर लेना चाहिए, जो कि 24 मई 2025 को रात 07 बजकर 20 मिनट तक है.

अपरा एकादशी का उपवास खोलने का तरीका

  • द्वादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  • स्नान के बाद दोबारा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करें.
  • उन्हें पीले फूल, फल, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें.
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  • पारण से पहले किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य अनुसार दान अवश्य दें. आप अन्न, वस्त्र, जल, जूते-चप्पल आदि का दान कर सकते हैं.
  • एकादशी व्रत का पारण करने से पहले सबसे पहले तुलसी दल का सेवन करें. कुछ लोग चरणामृत के साथ तुलसी दल लेते हैं.
  • एकादशी पर चावल का सेवन वर्जित होता है, लेकिन द्वादशी को पारण के समय चावल खाकर ही व्रत खोला जाता है. मान्यता है कि यह व्रत का पूर्ण फल देता है.
  • पारण के दिन केवल सात्विक भोजन ही करना चाहिए. इसमें प्याज, लहसुन, मांस, मछली, अंडे आदि तामसिक भोजन का सेवन बिल्कुल न करें.
  • यदि आपने निर्जला व्रत किया था, तो सबसे पहले थोड़ा जल ग्रहण करें और फिर भोजन करें.

पारण में क्या खाएं

  • चावल (विशेषकर सफेद चावल)
  • मूंग की दाल
  • सब्जियां (जो एकादशी में वर्जित नहीं थीं, जैसे लौकी, तोरई, परवल)
  • शुद्ध घी का उपयोग करके बना सात्विक भोजन
  • फल और सूखे मेवे

पारण में क्या न खाएं

प्याज, लहसुन, मांस, मछली, अंडे और किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन न करें.

क्या है मान्यता

ऐसा माना जाता है कि व्रत का पारण बताए गए शुभ मुहूर्त के अंदर ही करना चाहिए. यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाए, तो पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाता है. द्वादशी तिथि के अंत तक पारण न करने से व्रत का फल व्यर्थ हो सकता है. पारण के बाद भी मन को शांत और सकारात्मक रखें. इस विधि से अपरा एकादशी का पारण करने पर व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है और भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.