बिहार फाउंड्री के प्रदुषण से आजादी चाहिए सुविधाओ की भीख नहीं…..सांस नहीं ले पा रहे है हमें बचा लीजिए
तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है
यही हाल रामगढ़ जिले के मरार का है जहाँ पिछले कई दिनों से बिहार फाउंड्री से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ की लड़ाई लड़ रहे स्थानीय डॉ गीता सिन्हा मानकी,डॉ गौतम, डॉ के एन प्रसाद, रानी मिश्रा, रिंकी शर्मा, रुक्मणि वर्मा, उषा कुमारी, अनमोल देवी, अरुणा जोशी, भोला ठाकुर सहित हज़ारो की संख्या संख्या मे वहा रह रहे लोगों का कहना है.प्रदूषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे स्थानीय लोगों ने रामगढ़ डीसी चन्दन कुमार के दरबार मे फरियाद लगाई उनका कहना है की उन्हें हमें प्रदुषण से आजादी चाहिए सुविधाओ की भीख नहीं और इसकी लड़ाई पूरी एकजुटता के साथ पिछले कई दिनों से लड़ रहे है.क्योंकी उन्हें मालूम है की यह लड़ाई उनके अस्तित्व से जुडा है जब उनके बच्चे और परिवार के लोग स्वास्थ्य नहीं रहेंगे रहेंगे तो करोड़ों का मकान, अच्छी सोसाइटी, अच्छी सड़क और शहर मे रहने का क्या फायदा
उम्मीद की किरण
डीसी चंदन कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 5 मई को पूरे मामले पर बैठक बुलाई है संभावना जताई जा रही है की इस बैठक मे रामगढ़ अनुमंडल पदाधिकारी,अंचल अधिकारी, क्षेत्रीय प्रदूषण पदाधिकारी ,कारखाना निरीक्षक के साथ साथ बिहार फाउंड्री प्रबंधन और पीड़ित स्थानीय लोगों का प्रतिनिधि मण्डल शामिल रहेगा आवेदन के तत्काल बाद रामगढ़ डीसी की इस करवाई के बाद लोगों मे उम्मीद की नई किरण जगी है.
मायूसी के बाद पहुचे थे डीसी दरबार
इससे पूर्व बिहार फाउंड्री के प्रदूषण से पीड़ित लोगों ने रामगढ़ अनुमंडल पदाधिकारी से भी मुलाक़ात की थी मुलाकात के बाद अनुमंडल पदाधिकारी अनुराग तिवारी द्वारा कार्यपालक दंडाधिकारी अंबिका कुमारी, अंचल अधिकारी रामगढ़ सुदीप कुमार एक्का, क्षेत्रीय प्रदूषण पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद एवं कारखाना निरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम गठित किया गया था जो बिहार फाऊंडरी से होने वाले प्रदुषण की जांच कर रहा था बताया जाता है की कमिटी ने प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी थी प्रबंधन द्वारा इस पर जबाब भी दे दिया जिसमे बताया गया की 26 करोड़ 50 लाख का खर्च प्रदुषण नियंत्रण मशीन पर खर्च किया गया है. इसके आलावा सड़क पर जल छिड़काव सहित कई काम किए जा रहे है.लेकिन सबसे बड़ा सवाल है की यदि जब कुछ ठीक होता तो आस पास के कॉलोनी के लोग विरोध क्यों कर रहे है जबकि पूर्व से बिहार फाउंड्री यहा चालू है बताया जाता है की नई यूनिट लग जाने के बाद प्रदुषण काफ़ी बढ़ गया है.