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अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पृथ्वी पर कब वापस लौटेंगे? NASA ने बताई डेट

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर दो सप्ताह से अधिक समय बिताने के बाद भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके साथी एक्सिओम-4 मिशन के चालक दल के सदस्य 14 जुलाई को पृथ्वी पर लौट सकते हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गुरुवार को इस संभावना की जानकारी दी है.

नासा ने संकेत दिए हैं कि 14 जुलाई को चालक दल की वापसी संभव है, हालांकि मौसम और तकनीकी कारकों को ध्यान में रखते हुए अंतिम पुष्टि शीघ्र की जाएगी. अंतरिक्ष से वापसी के लिए चालक दल पुनः ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा और एक निर्धारित क्षेत्र में स्प्लैशडाउन करेगा. यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान और वैश्विक अंतरिक्ष विज्ञान की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जा रहा है.

शुभांशु शुक्ला के साथ इस मिशन में पैगी व्हिटसन, स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीवस्की और टिबोर कापू शामिल हैं. इस चार सदस्यीय दल ने पृथ्वी से लगभग 250 मील ऊपर स्थित अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 230 से अधिक सूर्योदय देखे और अब तक लगभग 96.5 लाख किलोमीटर की अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर ली है.

एक्सिओम-4 मिशन ने 60 से अधिक किए प्रयोग

एक्सिओम स्पेस द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि एक्सिओम-4 मिशन, जिसे एक्स-4 के नाम से जाना जाता है, ने अब तक के सबसे व्यापक निजी अंतरिक्ष अनुसंधान अभियानों में से एक को अंजाम दिया है. मिशन के दौरान चालक दल ने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए हैं, जिनमें जैवचिकित्सा विज्ञान, तंत्रिका विज्ञान, कृषि, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और उन्नत सामग्री विज्ञान जैसे विविध क्षेत्र शामिल हैं.

इन अनुसंधानों से न केवल मानव अंतरिक्ष अन्वेषण को दिशा मिलने की उम्मीद है, बल्कि पृथ्वी पर स्वास्थ्य देखभाल, विशेष रूप से मधुमेह प्रबंधन, कैंसर उपचार और मानव स्वास्थ्य की निगरानी जैसे क्षेत्रों में भी नई खोजों की संभावनाएँ जताई जा रही हैं.

25 जून को हुई थी मिशन की शुरुआत

एक्सिओम-4 मिशन की शुरुआत 25 जून 2025 को हुई, जब इसे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया. इस मिशन में प्रयुक्त स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सफलतापूर्वक डॉकिंग की. यह एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित चौथा निजी अंतरिक्ष मिशन है, जिसे व्यावसायिक और वैज्ञानिक उद्देश्यों से संचालित किया गया.