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सुपर स्वच्छ लीग में इंदौर 8वीं बार देश का सबसे साफ शहर, उज्जैन और बुधनी भी लिस्ट में

मध्य प्रदेश के इंदौर ने एक और खिताब अपने नाम किया है. केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार आठवीं बार भारत के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मिला. जबकि गुजरात का सूरत इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर है और तीसरे नंबर पर नवी मुंबई का नाम है. दिल्ली में अवार्ड सेरेमनी में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इंदौर को पुरस्कृत करते हुए नगरी प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम आयुक्त शुभम वर्मा की मौजूदगी में अवार्ड दिया. देश में इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है जिसने लगातार सस्ता सर्वेक्षण में आठवीं बार पहले नंबर पर रहने का खिताब हासिल किया है.

सुपर लीग मुकाबले में इंदौर ने मारी बाजी
आज पुरस्कार की श्रेणी की शुरुआत सुपर लीग मुकाबले से हुई. जहां एक बार फिर इंदौर ने बाजी मारते हुए सुपर लीग मुकाबले में पहला स्थान हासिल किया. दरअसल लगातार स्वच्छता में अव्वल रहने वाले शहरों के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने इस साल से स्वच्छ लीग मुकाबला की श्रेणी निर्धारण की थी. इस श्रेणी में ऐसे शहर शामिल थे जिन्होंने स्वच्छता के लिए निर्धारित मापदडों में 85% से ज्यादा अंक हासिल किए हों. लिहाजा इंदौर का मुकाबला इस बार अहमदाबाद और लखनऊ जैसे विभिन्न शहरों से था जिन्हें हराकर इंदौर फिर पहले नंबर पर आया है.

सुरत दूसरे और नवी मुंबई तीसरे स्थान पर
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में सुपर स्वच्छ लीग रखा गया था. सुपर स्वच्छ लीग की पहली श्रेणी में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में इंदौर ने बाजी मारी है. दूसरे नंबर पर सूरत है और तीसरे नंबर नवी मुंबई है. विजयवाड़ा चौथे नंबर पर है. इंदौर लगातार 7 सालों से पूरे देश का सबसे साफ शहर बना हुआ है. 8वीं बार खिताब मिलने से इंदौर सहित मध्य प्रदेश में खुशी का महौल है.

इंदौर में जश्न का माहौल
आज स्वच्छता सर्वेक्षण का लाइव प्रसारण देखने के लिए इंदौर नगर निगम के अलावा शहर के राजवाड़ा पर भी बड़े स्क्रीन लगाए गए थे, जहां से लोगों ने स्वच्छता सर्वेक्षण के पुरस्कार समारोह का लाइव प्रसारण देखा. इस दौरान जैसे ही इंदौर के स्वच्छता लीग में पहले नंबर पर आने की घोषणा हुई तो लोग नाचते हुए झूम उठे. वहीं, नगर निगम में इस दौरान जमकर आतिशबाजी और ढोल नगाड़ों के साथ डांस हुआ. वहीं स्वच्छता से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दीं.

इंदौर को मिली बनारस की जिम्मेदारी
इंदौर के लगातार स्वच्छ बने रहने के कारण अब शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छ शहरों को खुद स्वच्छ रहते हुए एक अन्य शहर को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी दी है. जिसके तहत इंदौर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की जिम्मेदारी मिली है, जिसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शहर वासियों को बधाई देते हुए अपने क्षेत्र के सफाई मित्रों के स्वागत की अपील की है.

उज्जैन, पाटन और बुधनी भी लिस्ट में
वहीं, सुपर स्वच्छ लीग में 3 से 10 लाख की आबादी वाली कैटेगरी में नोएडा ने बाजी मारी है. चंडीगढ़ दूसरे स्थान पर रहा. मैसूर तीसरे, उज्जैन चौथे, गांधीनगर पांचवें और गुंटूर ने छठवां स्थान प्राप्त किया. 20 हजार से कम आबादी वालों में पहले पर महाराष्ट्र का पंचगनी, दूसरे पर मध्य प्रदेश का पाटन, तीसरे पर महाराष्ट्र का पन्हाला, चौथे पर छत्तीसगढ़ का विश्रामपुर और पांचवें नंबर पर मध्य प्रदेश के बुदनी ने कब्जा जमाया है.

क्यों नंबर वन बना है इंदौर
बता दें कि पिछले 7 सालों से मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर इंदौर सफाई के मामले में नंबर वन बना हुआ. जिसके कई मुख्य कारण हैं. जिनमें से 100 फीसदी कचरा का सेग्रिगेशन, अपशिष्ट से धन-अपशिष्ट प्रबंधन प्रक्रियाओं में लगातार बदलाव, अपग्रेडेशन,पी.पी.पी., कार्बन क्रेडिट, 100 उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह, विज्ञापन आदि से राजस्व सहित स्मार्ट और टिकाऊ वित्तपोषण मॉडल. सर्वेक्षण-2023 में वेस्ट-टू-आर्ट तथा वेस्ट-टू-वेल्थ पर विशेष ध्यान, मेजर फोक्स री-यूज ऑफ वाटर और 7-स्टार पर सर्वेक्षण किया. जो इंदौर को खास बनाते हैं.

स्वच्छता गीत से सफाई की शुरुआत: खास बात यह है कि इंदौर में हर दिन की शुरुआत गली मोहल्ले गूंजते स्वच्छता गीत से होती है. यहां सूरज उगाने के पहले ही सफाई कर्मचारी शहर के विभिन्न हिस्सों में जहां जिसकी ड्यूटी होती है वहां स्वच्छता के लिए मोर्चा संभाल लेते हैं और शहर भर में स्वच्छता का दौर शुरू हो जाता है. इसी दौरान शहर के सभी 85 वार्ड में कचरा वाहन अलग-अलग स्टेशनों से रवाना होते हैं जो शहर के चार लाख 65000 घरों से गिला और सूखा कचरा एकत्र करते हैं.

कचरे का निस्तारण: इंदौर ने 8वीं बार स्वच्छता का आसमान छू लिया है. इंदौर इतना साफ क्यों है इसका सबसे बड़ा कारण यहां के लोग हैं जो साफ सफाई का काफी ख्याल रखते हैं. इंदौर के लोग इतने जागरूक हैं कि कहीं भी कचरा नहीं फेंकते, वह डस्टबिन में ही कचरा डालते हैं. साफ सफाई के चलते शहर की सरस्वती और खान नदी को अपना पुराना स्वरूप लौटाया गया. जिसका पानी अब काफी हद तक स्वच्छ हो चुका है. जिसका उपयोग अब शहर के फव्वारे और गार्डन में होता है.

इसी का पानी अब नगर द्वारा विकसित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटस के माध्यम से अब नदी में केवल इन प्लांटस में उपचारित जल ही जा रहा है. इसी साल नगर निगम ने वार्ड स्तर पर ही कचरे का निस्तारण करके खाद बनाने के लिए 6 जीरो वेस्ट वार्ड तैयार किए. इसके अलावा हर गंदी पड़ी बैकलेन को रहवासियों के सहयोग से साफ-सूथरा एवं सुंदर बनाने का काम शुरू किया गया. इसके अलावा इंदौर में 2022 में एशिया का सबसे बड़ा बायो मिथेनाइजेशन प्लांट शुरू हुआ है. यहां 24 घंटे सफाई होती रहती है. जो इसे सबसे साफ शहर बनाती है.