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तेल के खेल में फंस गई ये भारतीय कंपनी, माइक्रोसॉफ्ट से फंसा पेंच, अब कोर्ट पहुंचा मामला

भारत की प्रमुख तेल रिफाइनरी कंपनी तेल के खेल में फंस गई है. कंपनी पर पहले EU ने रूसी तेल खरीदने के लिए बैन लगा दिया. अब अमेरिकी टेक कंपनी ने कंपनी टेक संबंधी सुविधाएं जैसे ईमेल को ब्लॉक कर दिया है. माइक्रोसॉफ्ट नायरा को डेटा और जरूरी उत्पादों तक पहुंचने से रोक रही है, जिसके बाद अब नायरा एनर्जी ने माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

नायरा एनर्जी ने माइक्रोसॉफ्ट पर आरोप लगाया है कि उसने नियमों के खिलाफ जाकर उसकी सर्विसेज को बंद किया है. कंपनी की ओर से बयान जारी करके बताया गया कि माइक्रोसॉफ्ट उन्हे सर्विसेज लेने से रोक रही है जबकि उनके लिए कंपनी ने पैसे देकर लाइसेंस हासिल किए हैं. निलंबन का यह तरीका एकतरफा और खतरनाक है.

क्या है पूरा मामला?

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण यूरोपीय यूनियन ने रूस पर प्रतिबंध लगाते हुए रूसी तेल के यूरोप में आने पर बैन लगा दिया है. इसका खामियाजा रोसनेफ्ट जैसी रूसी रिफाइनरी कंपनियों के साथ नायरा एनर्जी और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी दिग्गज भारतीय रिफाइनरी कंपनियों को भी उठाना पड़ रहा है. ईयू ने पहले तो रूसी तेल लेने से इन कंपनियों को मना किया और बाद में न मानने पर इनके ईयू में इंपोर्ट पर बैन लगा दिया. नायर एनर्जी रूस से सस्ते दामों में तेल को खरीद कर रिफाइन करके यूरोप के मार्केट में बेचती थी. मगर बैन के बाद उसके रिफाइनरी मार्जिन को काफी डेंट लगा है. साथ ही अब माइक्रोसॉफ्ट की ओर से बैन लग जाने के बाद कंपनी तेल के खेल में बुरी तरीके से फंस गई है.

नायरा एनर्जी और रूसी कंपनी की साझेदारी

नायरा एनर्जी देश की बड़ी ऑयल कंपनी है, जिसका रूसी तेल कंपनी रोजनेफ्ट के साथ करार है. नायरा एनर्जी लिमिटेड में रोसनेफ्ट की 49.13 प्रतिशत हिस्सेदारी है. रूसी तेल को यूरोप में बेचने पर लगे बैन के साथ में माइक्रोसॉफ्ट की ओर से सर्विसेज बंद करने से रिफाइनरी कंपनी को दोहरा झटका लगा है. कंपनी ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने सिर्फ ईयू के बैन को ध्यान में रखते हुए अचानक और एकतरफा निर्णय लिया है जो कि कॉर्पोरेट के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है. इससे भारत के एनर्जी इकोसिस्टम को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा होती है.

अधिकारों की रक्षा के लिए कोर्ट पहुंची कंपनी

नायरा एनर्जी लिमिटेड ने हाईकोर्ट में अपने अधिकारों की रक्षा करने की गुहार लगाई है. कंपनी ने कोर्ट में कहा की उसे डिजिटल इंफ्रा तक पहुंचने दिया जाए. कंपनी की जो सेवाएं माइक्रोसॉफ्ट की ओर से रोक दी गई हैं उसे फिर से शुरू किया जाए. कंपनी ने कहा कि वह भारतीय के लिए अपनी सर्विसेज को किसी भी हालात में नहीं रोकना चाहती है. अगर रोकी सर्विसेज बहाल होंगी तो वह मजबूती से भारतीयों के हित में काम कर पाएगी.

साथ ही नायरा एनर्जी लिमिटेड ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने जो कंपनी की टेक संबंधी सुविधाएं रोकीं है उसके लिए उसने सिर्फ और सिर्फ ईयू की ओर से लगाए गए बैन को आधार माना है, जोकि एकतरफा है. ऐसी स्थिति में न तो भारतीय कानून में और न ही अमेरिकी कानून में बैन लगाने का प्रावधान है. यह फैसला बिना सोचे समझे और अचानक लिया गया है.

देश के एनर्जी सेक्टर में भूमिका

नायरा एनर्जी ने बैन के बाद भी भारत के प्रति अपनी जिम्मेदारियों की बात की है. कंपनी ने कहा कि वह इन इंडिया फॉर इंडिया के अपने लक्ष्य पर अडिग है और वह देश के एनर्जी सेक्टर को बूस्ट देने और इस क्षेत्र की इकोनॉमी को बेहतर करने के लिए कोशिश करती रहेगी. नायरा गुजरात के वाडिनार में दो करोड़ टन सालाना क्षमता वाली एक तेल रिफाइनरी और 6750 से ज्यादा पेट्रोल पंप का चलाती है.

देश की कुल रिफाइनरी क्षमता का 8 प्रतिशत नायरा एनर्जी संभालती है साथ ही 7% पेट्रोल पंप और पॉलीप्रोपलीन उत्पादन में भी 8% की हिस्सेदारी नायरा की ही है. कंपनी ने कहा कि वह इस सभी प्रतिबंधों और सर्विसेज को रोकने के बावजूद लगातार देश की सरकारी कंपनियों के टच में बनी हुई है. एनर्जी सेक्टर को कोई नुकसान न हो इसके लिए लगातार काम कर रही है.