Local & National News in Hindi
ब्रेकिंग
मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ... घर के बाहर से लापता हुई मासूम बच्ची, महिला कोतवाल ने परिजनों से कहा- यमुना नदी में ढूंढ लो, मिल जाएग... मामा ने भांजी से ही की शादी, अनाथ हो गई तो घर लाया था; फिर उसी से कर बैठा इश्क ED क्यों बन रही राजनीतिक हथियार…सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी को लेकर फिर उठाए सवाल कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के बर्थडे पर प्रियंका गांधी ने बनाया शुगर फ्री खजूर केक, ऐसे मना जश्न ‘भूखे रहने से तो मरना ठीक…’ तड़पते मां-बाप ने गंगा में लगाई छलांग, बेटों ने कई दिन से नहीं दिया था ख... बंगाली विरोधी, अबकी बार खाड़ी में फेंकेंगे… ममता-अभिषेक ने क्या-क्या कह बीजेपी को कोसा नैना देवी मंदिर में लाउडस्पीकर, ढोल-नगाड़े और बैंड बजाने पर लगा बैन… जानें क्या है कारण? दुकानदार के सामने युवक ने चाकू से फाड़ दिया 32 हजार का लहंगा और दे डाली धमकी… मच गया बवाल ‘तेरी बीवी मेरी गर्लफ्रेंड है…’ बॉयफ्रेंड ने खुद पति को बताया, फिर दोनों ने मिलकर महिला और 3 बच्चों ...

मुरैना : बिजली के हाईटेंशन तार की चपेट में आने से छह मोर की मौत

मुरैना : मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में बिजली के हाईटेंशन तार की चपेट में आने से छह मोर की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह घटना मंगलवार दोपहर दिमनी थाना क्षेत्र के गांव सिरमती में एक मंदिर के पास हुई। स्थानीय निवासियों के अनुसार करीब छह मोर मंदिर के पास खुले मैदान में घूम रहे थे तभी वे ऊपर से गुजर रही बिजली की हाई वोल्टेज तार की चपेट में आ गए। उन्होंने बताया कि सभी पक्षियों की मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने बिजली विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को सूचित करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने मृत पक्षियों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया।

उत्तरी क्षेत्र बिजली कंपनी के महाप्रबंधक वीएस डांगी ने बताया कि यह अधिकारियों की लापरवाही थी कि उन्होंने ग्रामीणों का फोन नहीं उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस मामले का संज्ञान लूंगा और कार्रवाई शुरू करूंगा।” अधिकारियों ने बताया कि पिछले हफ्ते मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के एक वन क्षेत्र में खेतों के पास 11 मोर मृत पाए गए थे। भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर, वन्यजीव अधिनियम की अनुसूची एक में शामिल है। यह अधिनियम इस प्रजाति को सर्वोच्च सुरक्षा प्रदान करता है।