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MP में लागू हुई राहवीर योजना, घायलों को बचाने पर मिलेगा ‘इनाम’; क्या हैं शर्तें?

देश में सड़क हादसों में हर साल हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं. अक्सर ऐसा देखा गया है कि लोग घायलों की मदद करने से सिर्फ इस डर से पीछे हट जाते हैं कि कहीं पुलिस या कानूनी कार्रवाई में न उलझ जाएं. इसी सोच को बदलने और मदद करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘राहवीर योजना’ शुरू की थी. ‘राहवीर योजना’ को अब मध्य प्रदेश में भी लागू कर दिया गया है.

इस योजना के तहत यदि कोई नागरिक गंभीर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की समय रहते मदद करता है और उसे अस्पताल तक पहुंचाकर उसकी जान बचाने में योगदान देता है, तो उसे सरकार की ओर से 25000 का नकद इनाम और प्रशंसा-पत्र दिया जाएगा. एक व्यक्ति को साल में पांच बार पुरस्कार मिल सकेगा. खास बात यह है कि अगर कोई राहवीर देश के टॉप 10 ‘राह-वीरों’ में चुना जाता है, तो उसे एक लाख का राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा. मोटर वाहन अधिनियम-2019 के अनुसार, किसी भी राहवीर के खिलाफ बगैर उसकी सहमति के कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी.

क्या है इस योजना का मुख्य उद्देश्य?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है आम नागरिकों को सड़क हादसों में घायलों की मदद के लिए प्रेरित करना खासतौर पर “गोल्डन ऑवर” यानी हादसे के पहले एक घंटे के भीतर. यह समय इलाज के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण होता है और सही समय पर मदद मिलने से जान बचाई जा सकती है. अगर कोई व्यक्ति घायल को सीधे अस्पताल या पुलिस के माध्यम से इलाज तक पहुंचाता है, तो पुलिस या अस्पताल द्वारा एक प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा. इसके बाद जिला स्तर की एक समिति मामले की जांच कर सिफारिश करेगी.

10 सर्वोत्तम राहवीरों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान

राज्य परिवहन विभाग द्वारा तय राशि सीधे राहवीर के बैंक खाते में भेजी जाएगी. हर साल 30 सितंबर तक, राज्य सरकारें तीन सर्वश्रेष्ठ राहवीरों के नाम केंद्र सरकार को भेजेंगी. इनमें से देश के 10 सर्वोत्तम राहवीरों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा.