Local & National News in Hindi
ब्रेकिंग
ममता बनर्जी कल शहीद सभा से फूकेंगी चुनावी बिगुल, भाजपा से मुकाबले की रणनीति का करेंगी ऐलान पंजाब: मोगा के इन होटलों में चल रहा था जिस्मफरोशी का धंधा, पुलिस ने मारा छापा… 18 लड़कियों को बचाया 6 राज्यों में छापे, 10 गिरफ्तार… आगरा धर्मांतरण मामले में पीड़िता के पिता ने किए चौंकाने वाले खुलासे इंडोनेशिया में यात्रियों से भरी शिप में लगी आग, जान बचाने समुद्र में कूदे लोग… VIDEO में दिखा खतरनाक... जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मुठभेड़, सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के 2-3 आतंकियों को घेरा 2 दिन के ब्रिटेन दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी, FTA पर बनेगी बात? ये है यात्रा का एजेंडा पहले अपराध की घटनाओं को किसानों से जोड़ा, अब बिहार के ADGP ने मांगी माफी, बोले- ऐसा इरादा नहीं था एक शक ने घर कर दिया तबाह! ऑफिस जा रही पत्नी की चाकू से वारकर हत्या, फिर पति ने खुद लगा ली फांसी उत्तराखंड हेलिकॉप्टर क्रैश: केबल से टकराई थी चॉपर की ब्लेड, रिपोर्ट में सामने आई हादसे की वजह पहलगाम से लेकर डोनाल्ड ट्रंप तक… सरकार ने कहा- मानसून सत्र में चर्चा को तैयार, हमेशा पीएम को घसीटना ...

रांची में सरकारी स्कूल की छत गिरी, एक की मौत…तीन जख्मी; लोगों ने शव को सड़क पर रखकर किया प्रदर्शन

झारखंड की राजधानी रांची के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के पिस्का मोड़ स्थित टंगराटोली बस्ती में शुक्रवार सुबह एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय का पुराना और जर्जर भवन का एक हिस्सा अचानक ढह गया. भवन के मलबे में दबने से सुरेश बैठा नामक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

घटना सुबह करीब 7:30 से 8:00 बजे के बीच हुई. सरकारी स्कूल का जर्जर भवन छत समेत धराशायी हो गया. हादसे के वक्त भवन के अंदर चार लोग मौजूद थे. पुलिस और स्थानीय लोगों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया. घायलों की पहचान रोहित तिर्की, प्रीतम और नितिन तिर्की के रूप में हुई है, जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. एक घायल की कमर और दूसरे का पैर टूटने की भी खबर है.

स्थानीय लोगों में आक्रोश और मुआवजे की मांग

इस घटना से आक्रोशित टंगराटोली बस्ती के लोगों ने मृतक सुरेश बैठा के शव को मलबे से निकालकर सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया. वे जिला प्रशासन से तत्काल जर्जर स्कूल भवन को पूरी तरह से गिराने की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी कोई और दुर्घटना न हो. इसके साथ ही, प्रदर्शनकारी मृतक के परिवार और घायलों के लिए उचित मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं.

कोविड काल से बंद था स्कूल

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह सरकारी स्कूल भवन कोविड काल से यानी लगभग चार-पांच साल पहले से ही जर्जर घोषित कर दिया गया था और इसमें बच्चों की पढ़ाई बंद कर दी गई थी. हालांकि, स्थानीय लोग अक्सर बारिश से बचने या आराम करने के लिए इस जर्जर भवन का उपयोग करते थे, और कुछ लोग तो रात में भी इसमें सोया करते थे. गुरुवार की रात भी चार से पांच लोग इस जर्जर स्कूल भवन में सो रहे थे, तभी शुक्रवार सुबह यह हादसा हो गया. ग्रामीणों की मांग है कि मृतक के परिवार को तत्काल उचित मुआवजा दिया जाए और जर्जर स्कूल भवन को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाए, ताकि आगे कोई और जनहानि न हो.