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मराठी VS हिंदी की बहस गरमाई… मराठी टीचर्स सैलरी के लिए कर रहे प्रोटेस्ट, दूसरी तरफ MNS कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी

महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिंदी के बीच बहस छिड़ गई है. यह विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इसी बीच मराठी शिक्षकों ने सरकार से सैलरी बढ़ाने के लिए गुहार लगाई है. मुंबई के आजाद मैदान में आज महाराष्ट्र के कई अलग-अलग हिस्सों से कई सारे शिक्षक प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे हैं. वहीं, दूसरी तरफ राज ठाकरे की मनसे के कार्यकर्ता भाषा विवाद को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

इन शिक्षकों को कहना है कि महाराष्ट्र सरकार पिछले कई सालों से इनकी सैलरी में बढ़ोतरी नहीं कर रही है. आंखों में आंसू लिए इन शिक्षकों का कहना है कि हम भूखे मर जाएंगे अगर सैलरी नहीं बढ़ाई गई तो, साथ ही शिक्षकों का कहना है कि जो सैलरी हमें दी भी जा रही है, वो बहुत देर से आ रही है.

MNS कार्यकर्ता कर रहे प्रदर्शन

जहां एक तरफ महाराष्ट्र के शिक्षक सैलरी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ भाषा को लेकर छिड़े विवाद के चलते राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता मीरा भयंदर में बड़ी तादाद में एकत्र हुए. भाषा विवाद को लेकर यहां पर वो विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस आंदोलन में महाराष्ट्र के मंत्री प्रताप बाबूराव सरनाईक भी पहुंचे.

क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन?

महाराष्ट्र में भाषा को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इसी बीच कथित तौर पर सामने आया था कि मनसे का स्कार्फ पहने लोगों ने एक दुकान वाले को मराठी न बोलने पर पिटा. इसी के बाद मराठी बोलने से इनकार करने पर एक दुकान मालिक की पिटाई के विरोध में व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. इसी विरोध प्रदर्शन के विरोध में मनसे ने यह मार्च बुलाया.

इस मार्च में मनसे के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया. राज्य सरकार के अनुसार, राज ठाकरे की पार्टी को पहले विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी, लेकिन बाद में इसे अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि पार्टी एक विशिष्ट रूट पर अड़ी हुई थी. इस मामले पर सीएम फडणवीस ने कहा, पुलिस आयुक्त ने मुझे सूचित किया कि आंदोलन करने के लिए उन्हें रूट बदलने के लिए कहा गया था. हालांकि, वे उसी मार्ग से जाने पर अड़े थे. इसलिए, पुलिस ने उनकी प्रदर्शन करने की मांग खारिज कर दी.

कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया

मीरा-भायंदर, वसई-विरार के पुलिस आयुक्त मधुकर पांडे ने कहा, हाईकोर्ट के निर्देशों के आधार पर, हमने कहा कि आप रैली आयोजित करने की अनुमति ले सकते हैं, लेकिन रूट बदल सकते हैं. हमारे पास कुछ खुफिया जानकारी भी थी, जिसके आधार पर हमने यह निर्णय लिया. हमने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है.

कार्यकर्ताओं ने क्या कहा?

मनसे मुंबई के अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने कहा, व्यापारियों का मार्च मीरा रोड में आयोजित किया गया था और पुलिस चाहती थी कि हम घोड़बंदर रोड पर मार्च आयोजित करें. इससे पता चलता है कि वो मीरा रोड क्षेत्र में हमारे मार्च की अनुमति नहीं देना चाहते हैं.

मराठी VS हिंदी की बहस तेज

सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था, जिसमें प्राइमरी स्कूल में हिंदी को तीसरी भाषा बनाने के लिए कहा गया था. हालांकि, तीसरी भाषा को लेकर राज्य में विवाद छिड़ गया. इसी के बाद सरकार ने अपने इस फैसले पर यू-टर्न लिया. विपक्ष के इस कदम को पीछे लेने को मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जीत के रूप में पेश किया. साथ ही दोनों पूरे 20 साल के बाद एक स्टेज पर साथ आए और दोनों विक्ट्री रैली में शामिल हुए.