Local & National News in Hindi
ब्रेकिंग
राजस्थान: खाटूश्याम का दर्शन करके लौट रहे थे चार लोग, आमने-सामने भिड़ी कारें… 5 की मौत; कटर से काटकर... दिल्ली में 3 दिन होगी झमाझम बारिश… UP से बिहार तक अलर्ट, जानें अपने राज्य के मौसम का हाल बिहार: चंदन मिश्रा मर्डर केस में दो अपराधियों का एनकाउंटर, शूटर बलवंत-रवि रंजन को लगी गोली मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ... घर के बाहर से लापता हुई मासूम बच्ची, महिला कोतवाल ने परिजनों से कहा- यमुना नदी में ढूंढ लो, मिल जाएग... मामा ने भांजी से ही की शादी, अनाथ हो गई तो घर लाया था; फिर उसी से कर बैठा इश्क ED क्यों बन रही राजनीतिक हथियार…सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी को लेकर फिर उठाए सवाल कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के बर्थडे पर प्रियंका गांधी ने बनाया शुगर फ्री खजूर केक, ऐसे मना जश्न ‘भूखे रहने से तो मरना ठीक…’ तड़पते मां-बाप ने गंगा में लगाई छलांग, बेटों ने कई दिन से नहीं दिया था ख... बंगाली विरोधी, अबकी बार खाड़ी में फेंकेंगे… ममता-अभिषेक ने क्या-क्या कह बीजेपी को कोसा

जस्टिस वर्मा ने जांच रिपोर्ट को SC में दी चुनौती, महाभियोग प्रक्रिया की सिफारिश को भी किया चैलेंज

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से भारी नकदी मिलने के मामले ने नया टर्न ले लिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की इन हाउस इन्क्वायरी रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. तत्कालीन सीजेआई (CJI) संजीव खन्ना के द्वारा रिपोर्ट को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजकर महाभियोग प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश को भी चुनौती दी है. जस्टिस यशवंत ने जांच समिति की रिपोर्ट को अमान्य घोषित करने की मांग उठाई है.

जस्टिस यशवंत वर्मा की तरफ से तीन सदस्यीय जांच पैनल पर आरोप लगाया गया है कि उनको निष्पक्ष सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया गया है, और निष्कर्ष निकाल दिया गया. जस्टिस वर्मा का दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट इसी कैश कांड के बाद ट्रांसफर किया गया था. 14 मार्च 2025 की रात को जस्टिस वर्मा के घर में आग लगने के बाद अग्निशमन विभाग के फायर फाइटर्स ने बड़ी ताताद में जलते हुए नोट देखकर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया था. जिसपर जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा था कि यह उनके खिलाफ कोई साजिश है.

समिति ने कैश कांड की पुष्टी की

पुलिस अधिकारियों ने दिल्ली के मुख्य न्यायाधीश और मुख्य न्यायाधीश ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को सूचित किया था. पुलिस ने इस घटना को हाईकोर्ट के जज का मामला होने के चलते दर्ज नहीं किया था. घटना के दिन जस्टिस वर्मा और उनकी पत्नी दिल्ली से बाहर थे. सीजेआई ने बाद में तीन जजों की समिति गठित कर जांच करवाई और समिति ने कैश कांड की पुष्टी की. साथ ही जस्टिस वर्मा की ओर से दी गई सफाई को नकार दिया था.

संसद के मानसून सत्र के आने से पहले जस्टिस वर्मा ने अपनी याचिका दायर की है. उनके खिलाफ इसी सत्र में महाभियोग लाने की तैयारी की जा रही है. सरकार इस कोशिश में है कि इस मामले पर सभी दलों को एकजुट कर सहमति बनाई जा सके.