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भारत-अमेरिका ट्रेड डील से लेकर कंपनियों के रिजल्ट तक, इन फैक्टर्स का दिखेगा मार्केट पर असर!

भारत और अमेरिका के बीच अगले 24 से लेकर 30 घंटों में मिनी ट्रेड डील को लेकर फैसला हो सकता है. दोनों देशों के बीच आम-सहमति से व्यापार समझौता होने की उम्मीद है. लिहाजा व्यापार को जिस भी तरीके से बात बनेगी. उसका असर भारतीय बाजार पर देखने को मिलेगा. साथ ही इस हफ्ते कुछ कंपनियों ने पहली तिमाही के रिजल्ट भी आने हैं. उनका असर भी मार्केट पर दिख सकता है. आइए जानते हैं कि इन दोनों फैक्टर्स के साथ-साथ बाकी कौन सी बड़ी खबरें हैं जिनका प्रभाव आगामी सप्ताह बाजार पर दिखाई दे सकता है.

बीते शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान के साथ बंद हुआ था. मार्केट का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 193. 42 अंकों की तेजी के साथ 83,432.89 पर बंद हुआ था. वहीं, निफ्टी 50 में भी तेजी देखने को मिली थी. हालांकि, अगर पिछले पूरे हफ्ते का ग्राफ देखें तो निफ्टी 50 और सेंसेक्स में सप्ताह के दौरान 0.70 प्रतिशत की गिरावट आई है.

इन फैक्टर्स का दिखेगा मार्केट पर असर

भारत-अमेरिका मिनी ट्रेड डील

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 9 जुलाई से पहले भारत और अमेरिका के बीच में मिनी ट्रेड डील हो सकती है. एक्सपर्ट का कहना है कि आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर पर इसका असर देखने को मिल सकता है. आने वाला सप्ताह न केवल भारतीय बाजारों के लिए बल्कि वैश्विक बाजारों के लिए भी महत्वपूर्ण है. ट्रेड डील जिस देश के पक्ष में होगी उसका असर वहां को बाजारों पर साफ दिखाई दे सकता है.

कंपनियों का रिजल्ट

वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के लिए भारतीय कंपनियों का आय सीजन अगले हफ्ते से शुरू हो रहा है. आईटी दिग्गज टीसीएस और टाटा एलेक्सी गुरुवार, 10 जुलाई को अपनी Q1 नतीजे घोषित करेंगे, जबकि रिटेल दिग्गज डीमार्ट शुक्रवार, 11 जुलाई को अपने नतीजे बताएगा. ग्रोथ गाइडेंस और मैनेजमेंट की कमेंट्री पर सबकी नजर होगी, और ये मार्केट सेंटिमेंट को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है.

विदेशी निवेशकों का रुख

भारत-यूएस ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता, मार्केट वैल्यूएशन में उछाल, और नए पॉजिटिव ट्रिगर्स की कमी के बीच फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (एफपीआई) इस महीने भारतीय इक्विटी में बिकवाली कर रहे हैं. जुलाई में अब तक एफपीआई ने कैश सेगमेंट में 5,773 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं. फॉरेन कैपिटल का लगातार बहिर्गमन डोमेस्टिक मार्केट को सुस्त रख सकता है.

विजयकुमार ने आगे कहा कि अगर भारत और यूएस के बीच ट्रेड डील हो जाता है, तो ये मार्केट और एफपीआई फ्लोज के लिए पॉजिटिव होगा. साथ ही, अगर Q1 नतीजों में आय में ग्रोथ दिखता है, तो ये भी बूस्ट करेगा. इन फैक्टर्स पर निराशा मार्केट और एफपीआई फ्लोज को हिट कर सकती है.

अमेरिकी FOMC की मीटिंग

ट्रेड डील और आय के शोर के बीच, ग्लोबल मार्केट्स यूएस फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की 17-18 जून की मीटिंग के मिनट्स का बारीकी से विश्लेषण करेंगे, ताकि ये समझ सकें कि फेड ऑफिशियल्स इन्फ्लेशन, ग्रोथ, और फ्यूचर इंटरेस्ट रेट पाथ को कैसे देखते हैं. यूएस फेडरल रिजर्व की अगली पॉलिसी मीटिंग 29-30 जुलाई को शेड्यूल्ड है. एक्सपर्ट्स सितंबर में संभावित रेट कट की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन हाल के जॉब्स डेटा दिखाता है कि यूएस लेबर मार्केट मजबूत है, जो फेड को पॉलिसी में ढील देने में देरी करने का स्कोप दे रहा है.