संगरूर: संगरूर जिला पुलिस ने एसएसपी सरताज सिंह चहल के नेतृत्व में “नशों के खिलाफ युद्ध” अभियान के तहत बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने एक अंतर-जिला गिरोह का पर्दाफाश किया है जो जाली दस्तावेज तैयार कर नशा तस्करों की जमानतें करवा रहा था। पुलिस ने गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से जाली दस्तावेज, कंप्यूटर, कलर प्रिंटर, लेमिनेट मशीन और मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
एसपीएच दिलप्रीत सिंह ने बताया कि थाना सिटी-1 संगरूर पुलिस को सूचना मिली थी कि राजवीर सिंह, हरदीप सिंह और सुखदीप सिंह उर्फ बिल्ला वकीलों या उनके मुंशियों के साथ मिलकर नशा तस्करों से मोटी रकम लेकर जाली दस्तावेजों के आधार पर जमानतें करवाते हैं। इस सूचना के आधार पर 24 जून को केस नंबर 112, BNS 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
जांच के दौरान राजवीर और हरदीप को गिरफ्तार कर उनके पास से जाली आधार कार्ड और जमानत से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए। उनसे पूछताछ में अन्य आरोपियों – बलजीत सिंह उर्फ गिरी, सुरजीत सिंह (खन्ना), मनजिंदर सिंह, गुरदीप सिंह उर्फ नंबरदार, मोहित कुमार उर्फ मोती और मनप्रीत सिंह उर्फ सनी के नाम सामने आए। 26 जून को इनमें से मोहित, मनप्रीत और बलजीत को गिरफ्तार कर उनके पास से सीपीयू, एलसीडी, की-बोर्ड, माउस, कलर्ड प्रिंटर और लेमिनेट मशीन भी बरामद की गई।
27 जून को पुलिस ने सुरजीत, मनजिंदर और गुरदीप को, जो पहले से ही जेल में बंद थे, माननीय अदालत से प्रोडक्शन वारंट लेकर गिरफ्तार किया। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि आरोपी सुरजीत सिंह, जेल जाने से पहले, अपने लैपटॉप के जरिए जाली नामों वाले आधार कार्ड और जमानत से संबंधित दस्तावेज तैयार कर व्हाट्सएप के माध्यम से अन्य आरोपियों तक पहुंचाता था। ये दस्तावेज कलर्ड प्रिंट करवाकर अदालतों में पेश किए जाते थे।
इस गिरोह ने संगरूर, धुरी, खन्ना, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला की अदालतों में लगभग 40 जमानतें करवाई हैं, जिनमें से 4 मामले सिटी-1 संगरूर से संबंधित हैं। आरोपियों से पूछताछ जारी है और बड़े खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह कार्रवाई संगरूर पुलिस के नशों के खिलाफ जोरदार अभियान की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो न केवल नशा तस्करों को, बल्कि उनकी मदद कर रहे नकली कानूनी जाल को भी उजागर करती है।