विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर शुक्रवार को बिहार संग्रहालय में एक दिवसीय विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह आयोजन कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अधीन कार्यरत बिहार विरासत विकास समिति की तरफ से किया गया. समारोह की शुरुआत कला, संस्कृति एवं युवा मंत्री मोती लाल प्रसाद और बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार ने दीप जलाकर की. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विशेषज्ञ, अधिकारी और संस्कृति प्रेमी भी उपस्थित थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग के सचिव एवं बिहार विरासत विकास समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी प्रणव कुमार ने की. स्वागत भाषण समिति की कार्यपालक निदेशक रचना पाटिल ने किया. इस अवसर पर धरोहर और संस्कृति से संबंधित विषयों पर देश के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए. कार्यक्रम के दौरान तीन विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किए गए. साथ ही तेल्हारा उत्खनन पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया.
ASI के पूर्व DG ने इस विषय पर दिया व्याख्यान
नई दिल्ली स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक डॉ. राकेश त्रिपाठी ने ‘फाइट ऑफ ड्रिम्स: ऑन द एन्सिएंट रूट्स ऑफ कन्वर्जेंस’ विषय पर व्याख्यान दिया. वहीं, प्रो. जयदेव मिश्र (पूर्व विभागाध्यक्ष, प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, पटना विश्वविद्यालय) ने बिहार में पुरातन प्रतीकों की समस्या और संभावनाएं और डॉ. संजीव कुमार सिंह (निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या) ने अंग प्रदेश की नदी विरासत विषय पर अपने अपने विचार प्रस्तुत किए.
तेल्हारा उत्खनन पर आधारित पुस्तक का विमोचन
इस अवसर पर मगध के तेल्हारा बौद्ध मठ महाविहार पर लिखित पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया. यह उत्खनन प्रतिवेदन डॉ. विजय कुमार चौधरी (पूर्व कार्यपालक निदेशक), डॉ. अमिती रंजन (शोध सहायक), डॉ. ओईशी और डॉ. अरुण कुमार द्वारा लिखा गया है. इसका प्रकाशन सचिव प्रणव कुमार और कार्यपालक निदेशक रचना पाटिल के निर्देशन में हुआ है. इस पुस्तक का नाम ‘एक्सकैवेटिंग एन अर्ली मिडिवियल बुद्धिस्ट मोनेस्ट्री एट तेल्हारा इन मगध (ईस्टर्न इंडिया) 2020-2022’ है.
सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की अपील
सचिव प्रणव कुमार ने बिहार सरकार द्वारा पुरातात्विक स्थलों के संरक्षण, शोध और उत्खनन से संबंधित पहलों की जानकारी दी. साथ ही आमजन से राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की अपील की. वहीं, मंत्री मोती लाल प्रसाद ने भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों को और व्यापक स्तर पर करने का सुझाव दिया. कार्यक्रम के तहत चित्रकला, निबंध लेखन और लोगो डिजाइनिंग प्रतियोगिता जैसे रचनात्मक गतिविधियां भी आयोजित की गईं. वहीं,कार्यक्रम का समापन उपकार्यपालक निदेशक अरविन्द कुमार तिवारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया.
कार्यक्रम में इन लोगों की भी रही उपस्थिति
इस अवसर पर बिहार विरासत विकास समिति के उपकार्यपालक निदेशक अरविन्द कुमार तिवारी, डॉ. सुनिल कुमार झा, बिहार संग्रहालय के उप निदेशक डॉ. रणवीर सिंह राजपूत, विशेष कार्य पदाधिकारी कहकशा, संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ. विमल तिवारी, संग्रहालय के क्षेत्रीय उपनिदेशक डॉ. विनय कुमार, पूर्व निदेशक डॉ. उमेश चंद्र द्विवेदी, पुरातत्व निदेशालय के वरीय तकनीकी सहायक डॉ. हर्ष रंजन कुमार, डॉ. नीतू तिवारी, डॉ. अविनाश कुमार समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्ति, विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.