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‘साहब! इस मजूदर के पिता तो…’, कलेक्टर के पास आई ऐसी शिकायत, फर्जीवाड़े की कहानी सुन रह गए सन्न

मध्य प्रदेश के बालाघाट के ग्राम पंचायत सेवती में एक साल पहले जिस मजदूर की मौत हो गई थी. अब उसको पंचायत के सरपंच और सचिव ने मनरेगा निर्माण कार्य में जिंदा बताकर हाजिरी लगा दी. इसका खुलासा तब हुआ, जब उसी पंचायत के ग्रामीणों ने कलेक्टर से जनसुनवाई में फर्जी हाजिरी की शिकायत की. ये कारनामा सुनकर अधिकारी भी हैरान रह गए और उन्होंने जांच के निर्देश दिए.

दरअसल, बालाघाट के किरनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सेवती से कुछ ग्रामीण कलेक्ट्रेट में आयोजित होने वाली जनसुनवाई में शिकायत लेकर पहुंचे. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम पंचायत सेवती की सरपंच किशनाबाई भोडारकर, प्रभारी सचिव श्यामलाल पांचे फर्जी हाजिरी का ऐसा खेल चला रहे हैं कि वह मृतक व्यक्ति को भी मनरेगा में मजदूर बनाकर काम करवाना बता रहे हैं. इसके साथ ही उनके नाम से पैसे भी ले रहे हैं.

मृतक के नाम पर हाजिरी

जनसुनवाई में ग्रामीण जगदीश पांचे गांव के साथियों के साथ शिकायत लेकर आए और उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत ने प्राइमरी स्कूल भौरा टोला से स्वच्छता परिसर भवन तक की सीसी रोड का निर्माण 2,73,000 की लागत से हुआ है, जिसमें फर्जी हाजिरी भरकर पैसे लिए गए हैं. ग्राम पंचायत ने भोजराज मेश्राम के नाम से 09 मार्च से 15 मार्च 2025 की फर्जी हाजिरी भरी. जबकि भोजराज मेश्राम की 02 जून 2024 को पिछले साल ही मौत हो गई थी. इसमें ग्राम पंचायत की सरपंच किशनाबाई भोडारकर और ग्राम रोजगार सहायक एंव प्रभारी सचिव श्यामलाल पांचे पर कार्रवाई की जाएगी.

किसके खाते में गए पैसे?

मजदूर भोजराज मेश्राम की पिछले साल ही मौत हो चुकी है, जिसकी जांच की मांग ग्रामीणों ने की है और कहा कि मृत व्यक्ति के नाम की एक हफ्ते की फर्जी हाजिरी भरी गई. फिर मृतक मजदूर के खाते में राशि कैसे गई. उन्होंने कहा कि राशि भी दूसरों के खाते में डाल कर सरपंच सचिव ने राशि निकाली होगी. वहीं जिला प्रशासन की ओर से इस केस में जिला पंचायत की शिकायत शाखा को कार्रवाई करने के लिए कहा है.

कैसे आया मृतक का नाम

हालांकि, ग्राम पंचायत सेवती की सरंपच किशनाबाई भोडारकर के पति और सरपंच प्रतिनिधि सुरेश भोडारकर ने चर्चा में बताया कि इस मामले में प्रभारी सचिव श्यामलाल पांचे से बात हुई है. उन्होंने कहा कि मृतक भोजराज मेश्राम के पत्नी और बेटा काम पर आ रहे थे. मस्टररोल में मृतक भोजराज मेश्राम का ही नाम आ गया. उसका मस्टररोल से नाम नहीं हटा है, जहां कुछ दिनों की मनरेगा के तहत मृतक भोजराज मेश्राम के नाम की हाजिरी भरी गई.