झारखण्ड : बड़कागांव में जयराम महतो गरजे खोखले नेताओं के कारण कंपनी कर रही मनमानी, कंपनी की लथैट न बने पुलिस…….
Dainik State : बड़कागांव
बड़कागांव : झारखंड में खोखले नेताओं के कारण कंपनी मनमानी कर रही है। कंपनी के पक्ष में पुलिस लटैत नहीं बने तो रैयत कंपनी को उखाड़ फेंक देंगे। हाथ बिता के लिए भाई-भाई से लड़ाई नहीं करें। एकड़ को बचाने के लिए कंपनी से एकजुट होकर लड़ाई को लड़ना है। पहचान विहीन से बचने के लिए लड़ाई को आगे बढ़ाना है और इसमें मुख्य भूमिका महिलाओं की होनी चाहिए। 21वीं सदी में महिला बेलन भी चलावे और बंदूक भी। सिंगार के साथ अंगार भी करना है। उक्त बातें जेएलकेएम सुप्रीमो सह डुमरी विधायक टाइगर जयराम महतो ने बड़कागांव स्थित 13 माइल में युवा विस्थापित संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे अनिश्चितकालीन धरना में संबोधित करते हुए कहीं। विस्थापित संघर्ष समिति का अनिश्चितकालीन धरना 10 जून से एनटीपीसी में कट ऑफ डेट संशोधन एवं अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू की गई है।
माय और माटी मे माटी को चुने
जेएलकेएम सुप्रीमो जयराम महतो ने आगे कहा कि माय और माटी में यदि पहले त्याग करने की बात आवे तो माय को ही त्याग कर दीजिए लेकिन माटी की रक्षा अंतिम जीवन तक लड़ी जानी चाहिए। क्योंकि जमीन के बगैर किसी की पहचान नहीं हुई है। जिसका जमीन है उसी की पहचान होती है। बिना जमीन का जीवन खानाबदोश या गुलगुलिया की है। जमीन के कारण ही ईरान- इजरायल, भारत -पाकिस्तान, भारत -चीन की लड़ाई का इतिहास रहा है। क्योंकि जमीन पर ही आपकी अस्तित्व टिकी हुई है। लोग पानी, पेड़, पौधा, हवा में नहीं रह सकता है। उन्होंने आगे कहा कि यदि कंपनी के साथ पूंजी है तो ग्रामीण रैयत के पास जमीन है। इसलिए रैयत के साथ हर हाल में वार्ता करनी चाहिए। यदि ग्रामीण रैयत अपने हक अधिकार के लिए हड़ताल धरना करती है तो कंपनी के लिए शर्म की बात होनी चाहिए। इतिहास रहा है कि सबका समय एक जैसा नहीं होता है। सिकंदर दुनिया का बादशाह था लेकिन उसका भी अंत हुआ है। प्रशासन एवं दलाल के बल पर अधिक दिनों तक पांव नहीं जमाया जा सकता है। अभी गांधी के रूप में लोकतांत्रिक तरीके से धरना के माध्यम से रैयत मांग को रख रहे हैं। यदि यही ग्रामीण का गुस्सा फूटा तो भगत सिंह का भी रूप लिया जा सकता है, क्योंकि मरता क्या नहीं करता। यदि जमीन लूट जाएगी तो ग्रामीणों का उग्र होना लाजमी है। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में कंपनी स्थापित होती है उस क्षेत्र में बिजली, सड़क, पानी, चिकित्सा सहित मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराना कंपनी का दायित्व होता है। लेकिन इस क्षेत्र में तो कुछ भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, यह दुर्भाग्य की बात है। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि मैं आपके साथ हूं और आपकी मांगों को इस मांग को विधानसभा में प्रमुखता से रखने का कार्य करूंगा आप लोग एकजुट होकर आंदोलन को जारी रखें। वहीं बड़कागांव बालिका उच्च विद्यालय के प्रांगण में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री महतो ने कहा कि भीख नहीं अधिकार चाहिए, 2500 नहीं 25000 चाहिए। क्योंकि झारखंड अलग हुए 25 वर्ष हो गया है और पूरे राज्य में ठेकेदारी का भी काम राज्य के बाहर के लोगों को मिलती है। युवा जब तक नहीं जागेगा तब तक झारखंड आजाद नहीं होगा। 81 विधानसभा क्षेत्र के लोग सिर्फ जयराम महतो से समस्या का समाधान का आशा लगाए हुए हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं को जनता की समस्या से जुड़कर रहने की अपील की और कहा कि मेरा मकसद है झारखंड में बेहतर नेतृत्व एवं लीडर की चयन करना। वोट के समय पैसा लेना बंद करें। आप 500 में वोट को बेचेंगे आपका विधायक और सांसद करोड़ों में बिकेगा। सबको शौक है पैसा कमाना और मेरा एक ही मकसद है कि झारखंड को अच्छा नेतृत्व देना। इसलिए जिन्हें अच्छा विधायक बनना है वे जनता से जुड़ कर उनकी समस्या को समाधान करें । कार्यकर्ता सम्मेलन में विधानसभा के विभिन्न प्रखंडों के गांव से सैकड़ो लोगों ने विभिन्न पार्टियों को छोड़कर जेएलकेएम की सदस्यता ली जिन्हें श्री महतो द्वारा पार्टी का पट्टा एवं माला पहनाकर सदस्यता दिलाई गई। संचालन ईश्वर कुमार ने किया। इसके अलावा बड़कागांव प्रखंड के गोंदलपुरा गांव में ग्रामीणों द्वारा 800 दिन से दिए जा रहे धरना में जाकर भी ग्रामीणों को उत्साह बढ़ाया।
मौजूद
कार्यक्रम में पूर्व प्रत्याशी बालेश्वर कुमार केंद्रीय सचिव मिथिलेश कुमार,केंद्रीय संगठन मंत्री राकेश मेहता, जिला उपाध्यक्ष दिलेश्वर महतो, जिला सचिव जानिसार आलम, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष सुनीता साहू, बड़कागांव प्रखंड अध्यक्ष अशोक कुमार महतो, कार्यक्रम प्रभारी गौतम कुमार, प्रमोद प्रधान, पवन तूरी, सबूर महतो, विकास कुमार, शंकर साव, प्रदीप महतो, धनुषधारी महतो सहित हजारों महिला – पुरुष कार्यकर्ता शामिल थे।