लातेहार : पिछले 30 वर्षों में भाकपा माओवादी संगठन का गढ़ माने जाने वाले लातेहार जिला के बूढ़ा पहाड़ से माओवादी नक्सलियों का लगभग सफाया हो चुका है। इस बीच बचे नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने में पुलिस और सुरक्षाबलों को लगातार कामयाबी मिल रही है। जेजेएमपी नक्सली संगठन के एक साथ तीन नक्सलियों ने लातेहार पुलिस और सीआरपीएफ 11वीं बटालियन की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया है। जहां SP कुमार गौरव और सीआरपीएफ 11वीं बटालियन कमांडेन्ट यादराम बुनकर ने माला पहनाकर और अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत किये। समर्पण करने वाले नक्सलियों में तुलसी गंझू उर्फ विशाल जी, पलेन्द्र भोक्ता उर्फ उर्फ अजीत जी एवं प्रमोद गंझू शामिल हैं। जो जिला का बालूमाथ थाना अंतर्गत लक्षीदोकर निवासी हैं। तीनों नक्सलियों पर सरकार द्वारा एक – एक लाख का इनामी घोषित था। इस तरह से लातेहार जिला में आतंक का पर्याय बना जेजेएमपी सुप्रिमों पप्पू लोहरा को तगड़ा झटका गला है। आत्मसमर्पण पर लातेहार एसपी कुमार गौरव ने बताया कि तीनों नक्सलियों पर दर्ज काण्ड के विरूद्ध खोजबीन के दौरान संपर्क में आये। तब जाकर इन्हें सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से लाभान्वित होने और हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौटने को लेकर अपील किया गया। जिसका परिणाम है कि तीनों नक्सलियों ने आज हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौटने का काम किया है। बताते चलें कि महज 10 दिनों के अंदर लातेहार पुलिस और सीआरपीएफ की बड़ी उपलब्धि है। इससे दस दिन पूर्व माओवादी संगठन के दो नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने में सफलता हासिल हुई थी। इधर आत्मसमर्पण किये नक्सलियों को इनाम का राशी प्रदान कर उज्जवल भविष्य को लेकर शुभकामनाएं दी गई। वहीं सीआरपीएफ 11वीं बटालियन कमांडेन्ट यादराम बुनकर ने कहा कि सुरक्षाबल जिले को नक्सल मुक्त कराने में तत्परता से जुटी है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से कड़े शब्दों में बचे नक्सलियों को चेतावनी देते हुए कहा सरकार मुख्यधारा में लौटने को लेकर हरसंभव प्रयास कर रही है। कहा कि आत्मसमर्पण नहीं करेंगे तो मारे जायेंगे।
